ज्योमेट्री के साथ सेक्स

ज्योमेट्री के साथ सेक्सdosti geometry ke sath sex


सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम सचिन है। मेरी उम्र 20 साल है और मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। आज मैं आपके सामने मेरी एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ।

उस वक्त मैं 18 साल का था। हमारे घर में कुछ रद्दोबदल होनी थी इसलिए हम दूसरे घर चले गए, हम वहाँ एक साल रहने वाले थे वो एकदम हरा भरा इलाका था। वहाँ लड़कियों की कोई कमी नहीं थी। वहाँ प्रिया (बदला हुआ नाम) नाम की एक खूबसूरत लड़की रहती थी। मैं तो पहले ही उस पर लट्टू हो गया था। वो ज्यादातर लड़कों से बात नहीं करती थी और घर से बाहर भी नहीं रहती थी। वो जब भी बाहर आती मैं उसे ताकता रहता था। शायद उसे भी यह पता चल गया था।



कुछ दिन बाद वो मेरी एक दोस्त के साथ मेरे घर आ गई। मैं चौंक गया पर उसने मुझसे पूछा- क्या तुम्हारे पास ज्योमेट्री की गाइड है?

मैं तो उसे देखता ही रह गया। उसने फिर से पूछा, मैंने उसे ‘हाँ’ कह दिया और डेस्क में से गाइड निकाल कर उसे दी।

उसने मुझसे कहा- मुझे ज्योमेट्री सब्जेक्ट हार्ड लगता है।

उतने में ही मेरी दोस्त बोली- सचिन को तो बहुत आसान लगता है।

उसने मुझे पूछा- क्या तुम मुझे मदद करोगे?

आज नसीब मुझ पर बहुत खुश था, मैंने झट से हाँ कर दी।

मेरे घर पर दिन भर कोई नहीं रहता था और उसके घर पर भी ! वो दिन भर अकेली रहती थी। मेरे घर पर मेरा दोस्त राहुल और मैं दोनों रोज पढ़ाई करते थे।

दूसरे दिन वो भी आ गई। उसने नीले रंग की पंजाबी ड्रेस पहनी थी, हम तीनों पढ़ने लगे। मैं उसे ज्योमेट्री समझाने लगा। मैं पूरा वक़्त उसे ही देख रहा था। ऐसे हम रोज पढ़ने लगे। कभी कभी उसे समझाते वक़्त उसका हाथ मेरे हाथ में आ जाता और वो भी चौंक जाती। एक दिन मैंने अपनी किताब के पीछे ‘आई लव यू प्रिया’ लिख के रखा। जब हम पढ़ने लगे तब मैंने रफ काम करने के बहाने पन्ने पलटे और आखिरी पेज पर गया। उसकी नजर वहाँ लिखे उन प्यार भरे शब्दों पर गई तो मैंने उसे छुपाने का नाटक किया। लेकिन उसने वो देख ही लिया। वो सिर्फ मुस्कुराई पर कुछ नहीं बोली।

मैं तो समझ गया था। अब हम तीनों पढ़ाई के साथ साथ बगुत बातें, मस्ती करते थे। राहुल कुछ दिन के लिए अपने मामा के घर चला गया था और उस दिन से हम दोनों ही पढ़ने वाले थे। मैं तो इस वक़्त का इंतजार ही कर रहा था और आज मुझे मौका मिला था।

प्रिया मेरे घर आई और घण्टी बजाई। मैंने दरवाजा खोला तो देखता ही रह गया।गुलाबी रंग के टॉप और जींस में वो सुन्दर लग रही थी। उसने बल खुले ही छोड़े थे। मैंने उसे अन्दर लिया और दरवाजा बंद कर दिया। वो अन्दर जाकर बैठ गई। मैं उसके पीछे अन्दर गया और उसे कहा- आज तुम बहुत ही सुन्दर दिख रही हो।

उसने थैंक्स कहा और मुस्कुराई। मैं तो उसकी मुस्कराहट पर पहले से ही फ़िदा था। मैंने टी-शर्ट और ढीली वाली हाफ़ पैंट पहनी हुई थी। मैं उसके सामने बैठ गया और हम पढ़ने लगे। पर उसका पढ़ने में कुछ ध्यान नहीं था। मैंने उस पर नजर रखी तो समझा कि वो मेरी पैंट में देख रही है। मुझे मजा आने लगा। मैं थोड़ा और खुल कर बैठ गया ताकि उसे मेरी पैंट के अन्दर का नजारा ठीक से दिख सके। वो मुझे देख रही थी और उस माहौल में मेरा लंड भी तन रहा था। फिर उसने ही बात छेड़ दी कि उस दिन तुमने किताब के पीछे आई लव यू क्यों लिखा था?

मैंने कहा- हाँ, मैंने ही लिखा था और तुमने उसका जवाब भी नहीं दिया।

उसने हाँ कह दिया और शरमा कर मेरे अंदर वाले कमरे में भाग गई।

मैं भी उसके पीछे भागा और उसे पकड़ने की कोशिश में हम दोनों ही मेरे बेड पर गिर गए। मैं बेड पर और वो मेरे ऊपर गिर गई। उसके ओंठ मेरे ओठों के बहुत नजदीक थे। उसकी सांसें जोर से चलने लगी और उसने आँखें बंद कर ली। मौके का फायदा उठाकर मैंने भी उसे किस कर दी। उसने कुछ नहीं कहा और एक मिनट बाद वो मेरे ऊपर से उठकर बैठ गई।

मैं भी उठा और उसककी तरफ देखा तो उसकी आँखे नीचे झुकी हुई मुझे पास बुला रही थी। मैं उठकर उसके पीछे चला गया और उसे पीछे से पकड़ लिया, उसके कानों में हल्के से आई लव यू कहा। और उसे फिर से चूमने चाटने लगा।

वो चुप ही बैठी थी। मेरे हाथ धीरे धीरे उसके मम्मों के पास जाने लगे, मैं उन्हें मसलने लगा और वो कसमसाने लगी। मैंने उसकी टॉप के अन्दर हाथ डाला और उसके मम्मे दबाने लगा। वो भी आहें भरने लगी तो मैंने उसकी टॉप उतार फेंकी।

उसने अन्दर कुछ नहीं पहना था। उसके मम्मे इतने बड़े भी नहीं थे पर ज्यादा छोटे भी नहीं थे। मैं उसके दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा। वो और जोर से आहें भरने लगी। उसने मुझे जकड़ लिया। मैंने उसकी जींस भी उतार दी और अपने कपड़े भी उतार दिए। मैंने उसका हाथ मेरे लौड़े पर रखा और उसे दबाया। वो भी उसे हाथ में पकड़कर हिलाने लगी। मैं लेट गया और वो मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगी। शांत दिखने वाली खूबसूरत लड़की बहुत चालू थी। मैं उसका यह नया रूप देख कर चौंक गया। पर मुझे उससे क्या, मुझे जो चाहिए वो मिल रहा था। वो मेरे लण्ड को लॉलीपोप की तरह चूसने लगी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। वो ये सब पहली बार कर रही है ऐसा बिलकुल नहीं लग रहा था।

कुछ वक्त बाद मैं झड़ गया और मैंने अपना सारा माल उसके मुँह में ही छोड़ दिया। उसने मेरा लिंग चाट लकर साफ कर दिया। फिर उसने अपनी पैंटी उतारी। उसकी चूत एकदम मस्त थी। उसके ऊपर थोड़े भूरे भूरे झांट थे। मैंने उसे छुआ और उसके अन्दर उंगली डालने की कोशिश करने लगा। वो उछल सी गई।

मैंने उसके पेट पर चूमा और ऐसे ही चूमते चूमते उसकी चूत पर आ गया। मैंने अपनी जीभ उसकी चूत में घुसा दी। वो सिसकारियाँ भर रही थी। उसके मुँह से आ..अ..अ..अ…अ..आह.. ऐसी आवाज आने लगी। पाँच-छह मिनट बाद वो भी झड़ गई। वो फिर से मेरे लंड को चूसने लगी। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और उसके चूत को सलामी देने लगा।

उसने कहा- अब देर मत करो, जल्दी से डाल दो।

मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा तो उसने कहा- अन्दर भी डालोगे? मेरी जान निकले जा रही है।

मैं लंड उसके चूत में घुसाने की कोशिश कर रहा था। पर अब तक उसकी सील नहीं टूटी थी। मैंने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर डाला। और एक जोर का ज़टका लगा दिया।

वो जोर से चिल्लाई- …मर गई…

उसकी चूत से खून निकलने लगा पर मैंने धीरे धीरे धक्के चालू रखे। पाँच मिनट बाद उसे भी मजा आने लगा और वो उछल उछल कर मेरा साथ देने लगी।

उसके मुँह से आह…आह… आ.. की आवाजें जारी थी।फिर मैंने उसे घोड़ी बना कर थोड़े वक़्त चोदा और हम दोनों साथ में ही झड़ गए। मैंने आपना माल उसकी चूत में ही छोड़ दिया।

फिर हम दोनों साथ में ही नहाये।

उसने जाते वक्त मुझे कहा- कल से ज्योमेट्री के साथ सेक्स की भी पढ़ाई करेंगे।

आगे क्या हुआ वो मैं आपको अगली बार बताऊँगा।

आपको मेरी कहानी कैसे लगी, जरूर बताएँ, मुझे मेल करना न भूलें।

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